कहानी : लव जिहाद और आईने का सच
वो कस्बे में डर डर के रहता था। हालाँकि वो डरपोक नहीं था पर फिर भी डर – डर के रहना
Read Moreवो कस्बे में डर डर के रहता था। हालाँकि वो डरपोक नहीं था पर फिर भी डर – डर के रहना
Read Moreजिस मज़बूती से नकार देते हो, तुम ईश्वर का अस्तित्व नहीं नकार पाते अल्लाह को कामरेड ! यह पहला बिंदु
Read More55. मंगल उत्सव राजमहल की अट्टालिका पर साम्राज्ञी देवलदेवी खड़ी थी। सांझ ढल रही थी। स्वच्छ आकाश में तैरते हुए पक्षी
Read More54. अध्यादेश एवं धर्म स्थापना सिंहासन रोहण के उपरांत साम्राज्ञी देवलदेवी और सम्राट धर्मदेव ने धर्म के अनुसार शासन-व्यवस्था को सुदृढ़
Read More53. सम्राट और साम्राज्ञी अंततः देवलदेवी और धर्मदेव के अतुलनीय बलिदानों एवं शौर्यकार्यों से विधाता देव रीझ उठे और पंद्रह अप्रैल,
Read Moreउसे सरोकार नहीं होता कश्मीर में बेघर हुए हिन्दुओ के दर्द से वो तो बस छटपटाती है अफज़ल के नाम
Read More52. मंगल बेला नाऊन ने स्नान कराया, सोलह श्रृंगार किए, बारह आभूषण पहनाए। सखियों ने मंगल गान गाए। पुरोहित ने मंत्र
Read More51. विजय घोष वह शुभ घड़ी आई चार अप्रैल तेरह सौ बीस को। खुशरव शाह और देवलदेवी ने शाही हरम के
Read Moreमैने किया था इश्क़ कबूल करता करता हूँ मै मैने भी तोड़े थे चाँद तारे तेरे लिए ख्यालो में ही
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