Author: सुधीर मौर्य

उपन्यास अंश

उपन्यास : देवल देवी (कड़ी 46)

देवलदेवी कहती रही और धर्मदेव सुनते रहे, ठीक उसी तरह जैसे धर्मभक्त श्रीमद्भागवत पुराण का प्रवचन सुनता है। राजकुमारी देवलदेवी की

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