आत्मसम्मान
रीता को उसकी ननद ने बड़े उत्साह से फोन कर बताया कि भाभी मैंने अपने भतीजे और आपके बेटे का
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Read Moreजीवन के हर कदम परआपको खुद आगे बढ़ना हैकदम दर कदम आगे ही आगे बढ़ते जाना है,दो चार कदम तो
Read Moreजीवन की किताब हम पढ़ते ही रहते हैंउसके पन्ने पलटते ही रहते हैंअच्छे बुरे का विचार किये बिनाकुछ पन्ने पढ़ते,
Read Moreकई दिनों से मैं महसूस कर रहा हूंकि जब भी मैं घर के बाहर सुबह सुबहचाय के साथ अखबार पढ़ने
Read Moreईमानदारी से बताइएगा आप सब हमकोकि हम झूठ कहते हैंऔर आप ऐसा बिल्कुल नहीं करते।पर मैं जानता हूं कि हम
Read Moreजब आप मान ही रहे हैं कि जिंदगी एक भंवर हैतो जिंदगी के भंवर में तैरते रहिएहौसलों के साथ डूबते
Read Moreआज भी याद आ रही हैउन पलों की यादें,अनायास हमारा मिलनवो तुम्हारा पांव छूनाअधिकार भरी जिदकरअपने साथ घर तक ले
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