अपनी सेना पड़ोसी के नाम
यह विडंबना है या मतिभ्रम सत्ता पाने की बेशर्मी भरी बेसब्री ने पहले पिता की विरासत फिर उनके उसूलों, सिद्धांतों
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Read Moreवर्तमान समय में हो रहे संसार भर के घटनाक्रम बदलाव का स्पष्ट संकेत दे रहे हैं नवयुग की आहट
Read Moreहे ईश्वर तू ही बता दोष जमाने का है या मेरी किस्मत का आखिर मैं भी तो एक बेटी बहन
Read Moreसूरज सिर पर चढ़ आया था मगर वो गहरी नींद में सोया था फोन की घंटी सुन कसमसाया फिर फोन
Read Moreइंसान कितना नादान है जो श्वांस को भी खरीदने का दंभ भरता है फिर खुद में ही कुढ़ता है, पर
Read Moreआज चौदह फरवरी है ये तारीक हमें झकझोर देती है आंखें नम कर देती है। आत्मा तक सिहर जाता ता
Read Moreआइये हम सब मिलकर वैलेंटाइन डे मनाएं एक मुर्दे का गुणगान करें क्या करना है पुलवामा को याद करके महज़
Read Moreन हवा चली,न धरा हिली न आँधी न तूफान ही आया न बिजली कड़की, न ही ज्वालामुखी फटा और
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