घर घर लहराता तिरंगा
अमृत महोत्सव का पर्व आया राष्ट्र ने घर घर तिरंगा फहराया तिरंगा देश की आन बान शान है राष्ट्रध्वज पे
Read Moreअमृत महोत्सव का पर्व आया राष्ट्र ने घर घर तिरंगा फहराया तिरंगा देश की आन बान शान है राष्ट्रध्वज पे
Read Moreभगवन किस भूल की हमें तुँने दी है यह जग में सजा तेरी दर पे ये न्याय है तेरी तो
Read Moreतराशिये अन्दर के छिपे पत्थर को जिससे मुन्दर एक बुत बन जाये जग वाले तुम पर फख्र करे और जो
Read Moreरब ने बनाई कैसी संसार सिमट गया है आचार विचार घर में छुपकर रोता संस्कार सामाजिकता का भूला व्यापार गाँव
Read Moreबेरहम समय की कैसी ये धारा है ना मिलता मंजिल ना किनारा है बहुत सताया है रे तुम बेईमान कैसा
Read Moreभारत ऋषियों मुनियों की धरती है जहाँ सावन की मेघा रोज बरसती है नदियाँ पर्वत की गोद से उतरती है
Read Moreअय नील गगन के बादल सजनी की बन जा तुँ आँचल पूरवाई संग संग चले आना सर की
Read Moreभगवान किस गुनाह की तुम दे रहे हो हमें ये सजा गर सच्चाई पे चलना पाप है
Read Moreसज गई हुस्न की बाजार यहाँ बेशर्म मजनूँ घुमता है जहॉ जिस नारी ने नर को जन्म दिया उस
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