Author: वत्सला पाण्डेय

कविता

कविता : तन्हाई में चाँद पर नज़र…

ठहर जाती हैजब कभी तन्हाई मेंइस चाँद पर नज़र………….रोजाना थोड़ा थोडाटूटता ही दीख पड़ता है……सब उसकी कलाएं समझते हैं नहीं समझते तोउसका

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