अपने ही, अपनों की आंखों मे तब खटकते
आज कि भागमभाग जिंदगी में हर कोई एक दूजे से आगे निकलना चाहता है। हर कोई चाहता है कि, हम
Read Moreआज कि भागमभाग जिंदगी में हर कोई एक दूजे से आगे निकलना चाहता है। हर कोई चाहता है कि, हम
Read Moreखुद से अधिक किसी ओर को चाहना होता है खुद कि नज़र मे खुद के ही गुनहगार कहलाना।। खुद को
Read Moreसोचो समझो इससे बड़ा ना कोई इस जग मे दूजा है सच करो सतकर्म दुनिया में यही तो इंसा सच्ची
Read Moreदिल हुआ था कभी इतना आघात आंसूंओं से भरी थी वीना हाय गुज़रे दर्द संग कितने दिन , रात।। फिर
Read Moreमहाराष्ट्र , नागपुर की वरिष्ठ साहित्यकारा वीना आडवाणी तन्वी का चयन कबीर कोहिनूर प्रथम श्रेणी सम्मान के लिए हुआ ।
Read Moreनेताजी का पेट निराला भरे इसे पैसों की माला फर्क ना इसको पड़े कभी चाहे गिरे ओस या पाला।। कुर्सी-कुर्सी
Read Moreअपनों कि मौत का अब कहां लोग पहले सा शोक मनाते तेरहवी तक भी रूक ना पाते प्रतिष्ठान बंद किये
Read Moreजब कभी रिशतों के दरमियान विश्वास टूट जाता है वो रिश्ता , रिश्ता नहीं सिर्फ मजबूरी ही कहलाता है।। तमाम
Read Moreरिश्तों के दरमियान कुछ दगाबाज पलते जो अपनों को ही अंधेरे में रख हर वक्त छलते।। अवैध रिश्ते कहां कभी
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