चश्मा
सुबह सुबह कैलाश जी ने अखबार पढ़ने के लिए चश्मा उठाया तो देखा चश्मा टूटा पड़ा है उन्होंने अपने पोते
Read Moreबरिश्ता कैफे के सामने अचानक मेरे कदम ठिठक गए। यही वो जगह है जहां हम अक्सर रोहन के साथ आया
Read Moreमनोहर जी आज अपने बेटे राहुल के लिए लड़की देखने जा रहे हैं। राहुल उनका इकलौता बेटा है किसी आई
Read Moreफ़रियाद न कर उसके बिछड़ जाने का ज़िन्दगी नाम है खोने पाने का। कितना धीरज है उस आसमां को ग़म
Read Moreरात के सन्नाटे में “जागते रहो “की आवाज गूंज रही थी। कविता को वैसे भी कम ही नींद आती है
Read Moreतमन्नाएं मरने नहीं देती मुश्किलें जीने नहीं देती! एक अजब -सी बैचेनी है इस दिल में जो सुकुन हमें सोने
Read Moreईश्वर क्या है? ईश्वर एक विश्वास,एक आस्था है। आस्था ही सही मायने में ईश्वर का स्वरूप है।ये हमारी आस्था ही
Read Moreमैं क्या हूं? मेरा वजूद है क्या? इस प्रश्न का कौन दे जवाब! मेरे हिस्से में आई है बस जिम्मेवारियां…
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