मुखौटा
आजकल का इंसान कई मुखौटो में नजर आता है प्यार मुहब्बत यारी दोस्ती दिखावे के नींव पर है खड़ी कहने
Read Moreमैं क्या हूं? मेरा वजूद है क्या? इस प्रश्न का कौन दे जवाब! मेरे हिस्से में आई है बस जिम्मेवारियां…
Read Moreएक टुकड़ा इश्क का गर मिल जाए ये जिंदगी अपनी जन्नत-सी हसीन हो जाए। इस दिल पे तुम्हारा इख्तियार हो
Read Moreमिल जाए वक्त जरा-सा तो मैं ये काम कर लूं अंजुरी भर आसमां अपने दामन में भर लूं। मिल जाए
Read Moreसमय की चाल देखिए है कितनी अनोखी दिखती है कभी ऊपर कभी नीचे मगर चलती है समतल सदियों के गर्त
Read Moreप्यारी धूप खिली है आज हमारे फुलवारी में कहीं तरुवर है इठलाते झूमती है क्यारी क्यारी इन मदमस्त गुलाबों को
Read Moreमन की सीमा कौन जाने ले जाती है क्षितिज के पार! मन की भटकन को कौन जाने ले जाती है
Read Moreये रात मुझे डराती है कुछ बात मुझे समझाती है। इन मुर्दों के शहर में जिंदगी दम तोड़ती नजर आती
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