आत्मकथा – दो नम्बर का आदमी (कड़ी 34)
अगले दिन (19 अक्टूबर को) मैं टैक्सी से दिल्ली गया, क्योंकि कुतुब एक्सप्रेस 2-3 घंटे लेट थी। 11 बजे पहुंचा
Read Moreअगले दिन (19 अक्टूबर को) मैं टैक्सी से दिल्ली गया, क्योंकि कुतुब एक्सप्रेस 2-3 घंटे लेट थी। 11 बजे पहुंचा
Read Moreअब मैं परिणाम का इन्तजार करने लगा। विज्ञापन में उल्लेख था कि सितम्बर के अन्तिम सप्ताह में उन लोगों को
Read Moreमेरी पहली विदेश यात्रा (जापान यात्रा) कम्प्यूटर मेरा प्रिय विषय है। यह वास्तव में गणित की ही एक विकसित शाखा
Read Moreअगले दिन हमें गोरखपुर के लिए प्रस्थान करना था। हमारा विचार था कि अब तक भीड़ छँट गयी होगी तथा
Read Moreहमारे फ्लैट के आसपास के फ्लैटों में रहने वाले अधिकांश परिवारों से हमारा सामान्य परिचय था, मगर घनिष्टता केवल एक
Read Moreवाराणसी में जो नया फ्लैट मैंने किराये पर लिया था, वह श्रीमतीजी को बहुत पसन्द आया। अगले कुछ दिन घर
Read Moreमेरे विवाह में रिश्तेदार अच्छी संख्या में आ गये थे, जैसा कि प्रायः होता है। मैंने अपने बैंक के साथियों
Read Moreयहाँ पर यह बता दूँ कि मेरे तइया ससुर श्री सत्य नारायण जी गोयल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अत्यन्त प्रमुख
Read Moreमेरी पहली हवाई यात्रा 26 अगस्त 1989 (शनिवार) मैंने अपने साथी अधिकारी श्री राकेश क्वात्रा के साथ जाकर वाराणसी से
Read Moreमैं 2-3 दिन गाँव में रहा और सबसे मिला। मेरा मन गाँव छोड़ने को नहीं कर रहा था, परन्तु छुट्टियाँ
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