इतिहास दोहराया है…
(प्रधानमंत्री मोदी जी के “गोवा भाषण” पर कविता) आज फिर से एक बार, इतिहास दोहराया है छिनी घास की रोटी
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Read Moreसंयोगवश शहर में एक ही दिन जालिम सिंह व धर्मचंद की मृत्यु हो गई । जालिम सिंह एक नम्बर का
Read More‘ नारायण-नारायण ‘ का नाम जप करते नारद एक दिन भगवान के पास पहुँच गये | नारद को देखकर भगवान
Read Moreमैं खुशबू हूँ उनकी समझो वो हैं मेरे इत्र सरीखे सदा भला करते हैं मेरा लगते मुझको मित्र सरीखे… जब
Read Moreघर का बाहर का करूं, मैं महिला सब काम | फिर अबला कहकर मुझे, क्यूं करते बदनाम || मैं नाजुक
Read Moreसड़क के दोनों ओर पेड़ों की कतारे थी । पेड़ो की कतारो से सड़क की शोभा को चार चाँद लगे
Read Moreप्रणय गीत गाऊँ मैं कैसे | बोले आतंक लहू की भाषा हर मन बैठी आज हताशा राजनीति डायन ने
Read Moreपतंगें…(मकरसंक्रान्ति पर विशेष) **************************** हरी, पीली, लाल पतंगें अरे, अरे ! संभाल पतंगें मकर संक्रान्ति
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