खंडहर
कहते हैं खंडहर को, बरसात ने मारा। अब इसको सम्हालो, काम ये तुम्हारा। वो भूल जाते हैं, जिम्मेदारियां अपनी। सारी
Read Moreअक्सर … ट्रैफिक सिग्नल पर ख्वाब बेचते, ठण्ड में जमे से… अलाव सेंकते! जूठन से कहीं हैं भूख मिटाते, फुटपाथ
Read Moreशाख से टूटे कुछ पत्ते कुछ मुरझाये ,कुछ सूखे कुछ मिटटी में सने हुवे मुस्काती कलियों को देख रहे थे
Read Moreधुंधलाने न दे नन्हें विटपों का सवेरा , उम्मीदों की उड़ानों से भरा है चेहरा , छोटे हैं पर सपने
Read Moreभाग दौड़ एहसास थकन का , पल पल लगे थके से ! तुमने दी दरवाजे दस्तक , रह गए हम ठगे से
Read Moreआओ मिलकर पौध लगाएँ पौधों का लम्बा मेड़ बनाएँ मेड़ों के ठीक नीचे हों पौधे पौधो के बाजू पौध लगाएँ
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