जीवन तो है त्याग साधना
जीवन तो है त्याग साधना जीवन भोग विलास नही है वो मानव क्या मानव जिसको पर दुख का अहसास नही
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Read Moreशिल्प:- [सगण सगण(112 112), दो-दो चरण तुकांत (6वर्ण प्रति चरण ) “तिलका छंद” नयना पुलके मनवा हरषे।। चढ़ती बदरी अतुरी
Read Moreहम सोये सोई किस्मत हम जागे जागी किस्मत हम रोये रोई किस्मत हम हँसे खिलखिला उठी किस्मत क्या खूब ?
Read Moreबातें बदल बदल कर चेहरे बदल बदल कर पहचान छुप ना पाई परदे बदल बदल कर पिंजरे की जाँच की
Read Moreमेरे मुखरित मधुर मधुबन की बिटिया आज प्यारी दुल्हनिया बनी आ -आ के ऋतु करें सोलह श्रृंगार देखो छायी है
Read Moreपीहर को मैं लिख रही, यद्यपि हूँ ससुराल . खुशियाँ हर पल मिल रहीं, सुखी रहूँ हर हाल . मेंहदी,
Read Moreगाँव हमारा कितना प्यारा लगता सब जग से न्यारा दरवाजे पर खाट डालकर बुजुर्गो की होती बैठक माँ, चाची और
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