गुमनाम अँधेरे का शहीद !
शहीदों की चिताओं पे न फूल होंगे न होंगे मेले, न होगा कोई बाकी निशाँ वतन पे कुर्बानी देने वाला
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Read Moreधत्त! तुम भी न बस कमाल हो! न सोचते न विचारते सीधे-सीधे कह देते जो भी मन में आए चाहे
Read Moreचुनावी रंग सबके हाथों में चुनावी रंग नव उत्साह लिए केसरिया रंग चढ़ चुका सभी को एक नशा जीते चुनाव
Read Moreदेह से परे रूह के खेत जब जज्बात के जल से सीचे जाते है परहित चिंतन का खनिज स्वयं मिट्टी
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