दिल है पहलु में
दिल है पहलु में मगर इक कमी सी रहती है उसकी आवाज़ में बड़ी ख़ामोशी सी रहती है जिनकी पलकों
Read Moreदिल है पहलु में मगर इक कमी सी रहती है उसकी आवाज़ में बड़ी ख़ामोशी सी रहती है जिनकी पलकों
Read Moreसूखा मुरझाया फूल पुरानी किताब में मिला खुशबू न थी फूल में रंग भी बदल चुका था मेरी तरह बदले
Read Moreमैं दुखता नासुर हूँ मित्र रिसती दरारों को न और चटका अब केवल दर्द सुंकु देता है मवादों के पोरो
Read Moreपुरुषवादी जगत में पुरुष है सृष्टि का बीज संतति की वंश वृद्धि का स्रोत अनेक रिश्तों से अलंकृत माँ – पिता
Read Moreआज शिक्षा का स्तर इतना उच्च हो रहा है , चाहे न जानता हो नाम लिखना – पर ? हर
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