मन
ओह्ह् ये मन है कुछ उदास लगता है लगा रखा है किसी अपनो से मिलने का आस आखिर लगाये क्यो
Read Moreक्यो बदली सी है निगाहे तेरी क्यो रूखी-रूखी सी है चाहते क्यो भिगी-भिगी है पलके तेरी क्यो दिल में बढ
Read Moreअर्जुन ने की साधना, लक्ष्य भेदता तीर आँख निशाने पर लगी, उठी मछलिया पीर उठी मछलिया पीर, मुनादी बाजे
Read Moreशब्द — विश्व, जगत ,जग , भव ,संसार पैसा पैसा जग करें, पैसा कर कर मैल पहर चबैना खुश हुआ,
Read Moreजब भी एकाकी होती हूँ कल्पनाओं को देती हूँ उड़ान, मन को उतारती हूँ गहन सागर में, पंख फैला विचरती
Read Moreरो-रो कर फरियाद लगाये, जांबाज मंदीप की संगिनी। अंग-भंग शव देखो मोदी, माँग मेरी फिर देखिए सूनी।। जिल्लत
Read Moreनाजुक सा रिश्ता…. तेरा मेरा ————————– नाजुक सा रिश्ता, तेरा मेरा कसमों से परे, बंधनों से परे !! इक डोर
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