असहिष्णुता
पूछते हैं हम उन महानुभावों से, असहिष्णुता की बात जो करते। होता आश्चर्य यह कि ये, देश की एकता देख
Read Moreपूछते हैं हम उन महानुभावों से, असहिष्णुता की बात जो करते। होता आश्चर्य यह कि ये, देश की एकता देख
Read Moreकुदरती पीड़ा “प्रसव वेदना” से स्त्री तो एक बार में मुक्त होकर अपने चेहरे पर उम्र भर मुस्करान ला लेती
Read Moreडगर-डगर चली बिटियाँ गुनगुनाते हुए लोक गीत जो उसने सीखे थे माँ से रच-बस चुके थे सांसो में हर त्योहारों
Read Moreहम काँच के खिलौने नहीं हैं, जो गिरते ही टूट जायेंगें , जोर से चट्खेगें और टुकड़े टुकड़े बिखर जायेंगें,
Read Moreबहुत हो गया…… लाल बिहारी लाल बहुत हो गया कहा सुनी, अब
Read Moreफिर एक बार देश ने आंतकी हमला झेला फिर एक बार कई सैनिक शहीद हो गए फिर एक बार परिबारों
Read Moreहाँ ! मै वही गंगा हूँ भगीरथ के कठिन तपस्या का फल हाँ ! मैं वही गंगा हूँ जो निवास
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