क्या हर गरीब मरने के बाद यही गती पायेगा??
देख कर ये चित्र रूह सिहर गई ऐसा लगा सब की आत्मा मर गई इक्कीसवीं सदी के भारत में साधन
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Read Moreमुश्किलें हैं जितनी चाहे, हो गई बंद सारी राहें, तो भी जीना सिर उठाएँ, एक आश अभी भी बाकी है।
Read Moreहे कृष्ण ! कहाँ छिपे हो क्यों नहीं आते क्यों नहीं लेते अवतार क्या तुम भी घबराने लगे हो इन
Read Moreमूल अंग्रेजी कविता– India of my dreams. Would have many beautiful streams. There would be greenery everywhere. There would not
Read Moreमूल अंग्रेजी कविता– If I were a Tree If I were a Tree. I would be ideal and free. Beautiful
Read Moreआज मैं…. आज मैं देवकी का दर्द यशोदा का वात्सल्य राधिके का प्रेम रुक्मिणी का खास हूँ आज मै वासुदेव
Read Moreआओ हिंदी दिवस मनाएं, आओ हिंदी दिवस मनाएं, अंग्रेजी के चरण पखारें, हिंदी को धकियाएं, गंगा-यमुना की घाटी में ,
Read Moreजन्माष्टमी का पर्व याद दिलाता है निराकार ब्रह्म के उस साकार रूप की जिसने जीवन पर्यंत प्रेम दिया जिस किसी
Read Moreताटंक छंद- वन को जाते बन सन्यासी, राम लखन अरु माँ सीता । तीनों के बिन देखो कैसा, अवध लगे
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