कविता – पगली
प्यार ने तेरे जिंदगी से पहचान कराई है , घिरते तुफान से बचा कर तु लाई है , बस खुदा
Read Moreप्यार ने तेरे जिंदगी से पहचान कराई है , घिरते तुफान से बचा कर तु लाई है , बस खुदा
Read Moreबारिश की बूंदे मोती सी चमक रही हरे-हरे पतों पर कली-कली खिल रही सब कुछ धुला-धुला सा धीमी-धीमी सी पवन
Read Moreजो जंग भू नभ भाग्य रंक सूना चौमासा दंग धान्य-व्याप झेले कृष त्रि ताप {1} वो हीन नजीब हाथ
Read Moreसबसे पहला हक़ है तुम्हारा अरे एक बार अपना हक़ जताकर तो देखो न जाने दूंगा वापिस कभी तुमको कम
Read Moreतेरी जुस्तजू है मुझको तेरा इंतज़ार किया है हर पल, हर इक लम्हा तुझसे प्यार किया है !! न किया
Read Moreगीत सावन बैरी याद पिया की दिलाये रे, लहरा हरियाली गले से लिपट जाये रे| मोरा पिया बम्बई में कमाये
Read Moreमात्रा भार- 22 सुबह होती है तो शाम भी होती है असल चेहरों से पहचान भी होती है पर मन
Read More“गुरु महिमा” अज्ञानान्धकार हृदय का ज्ञान-भानु, वह मन में फैलाता ज्ञानालोक। करता उभय लोक सफल गुरु, हरता सब जीवन का
Read Moreदिल में थे अरमां कईं पर मूक रहे अल्फाज ! दिल ही दिल में रोते रहे मेरे अनकहे जज्बात !!
Read More