कविता

सावन की बरसात …

बारिश की बूंदे
मोती सी चमक रही
हरे-हरे पतों पर
कली-कली खिल रही
सब कुछ धुला-धुला सा
धीमी-धीमी सी पवन
चिड़ियों की चहक
कोयल की कूक
अंबवा की महक
जामुन का स्वाद
सावन के गीत
झूलों की याद
सखियों का झुरमट
पकवानों की सुंगध
घेवर की थाल
बड़े बताशों की सफेदी
बहुत कुछ याद दिला दी
ये सावन की बरसात !!

©® प्रवीन मलिक

प्रवीन मलिक

मैं कोई व्यवसायिक लेखिका नहीं हूँ .. बस लिखना अच्छा लगता है ! इसीलिए जो भी दिल में विचार आता है बस लिख लेती हूँ .....

2 thoughts on “सावन की बरसात …

  • सुमन शर्मा

    सुन्दर

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    वाह

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