लघुकथा : टूटती आस
तालाब, कूँये, बाबडी सब सूख चुकी थे, बचा था तो सिर्फ काला दूषित पानी जिसे पीकर सारी बस्ती बीमार हो
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Read Moreफटेहाल एक बच्चा कुछ सामान बेचते हुए पास आया- “दीदी ले लो न “ किसी को पहली बार दीदी बोलते सुनकर
Read Moreअपनी कहानी के 129 और 130 काँड में मैं ने अपने दोस्त बहादर के भाई हरमिंदर जिस को हम लड्डा
Read Moreएक कस्बे में एक साहूकार रहता था। उनके तीन बेटे थे। साहूकार ने अपने जीवन में गरीबी के दिन देखा था।
Read Moreपान की दुकान पर खड़े दो शिक्षकों की नज़र काफी देर से कड़ी धूप में ट्रैफिक चला रहे दो पुलिसवालों
Read Moreस्कूल के प्रांगण में ही कोलकत्ता से कलाकार आते थे माँ दुर्गा की मूर्ति बनाने| सब बच्चें चोरी-छिपे बड़े गौर
Read More“मालती ! देख वो आ रहा है ” शाज़िया ने मालती को कोहनी मारते हुए कहा “ऊंहss.. ठीक है देख
Read Moreसंदीप का मन अब गाँव में लग गया था, ऊपर से पिंकी रीटा का खत आ गया, इस से संदीप
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