लघुकथा – अनुकरणीय
मैं रायपुर के माना रोड से अपनी कार से कहीं जा रही थी कि मैंने देखा कि सड़क किनारे बांस
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Read Moreराजेन्द्र और रोहिणी के बीच तलाक हुए दस बरस बीत गये। गौरव की परवरिश राजेन्द्र ने किया। गीतिका रोहिणी के
Read More“सामली, आज मेरी दुकान का उद्घाटन है, तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई जो बिना पूछे अंदर चली आई
Read Moreएक घर में गम बहुत दिनों से डेरा जमाये बैठा था. निकलने का नाम ही नही ले रहा था और उसी
Read Moreसाथियों में वाद-विवाद चल रहा था.“आजकल बोलना, सुनना, देखना गुनाह हो गया है. न बोलो, न देखो, न सुनो.” एक
Read More“हनुमान बेटा, एक बात बताओ कि, तुम्हारी पूंछ नहीं जली आग में और पूरी लंका जल गई? इसका क्या रहस्य
Read More“न जाने कौन से पाप किए थे मैंने जो तू मेरी कोख से पैदा हुआ।” विमला अपने इकलौते बेटे को
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