युद्धरत जिंदगी
“सामली, आज मेरी दुकान का उद्घाटन है, तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई जो बिना पूछे अंदर चली आई
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Read Moreएक घर में गम बहुत दिनों से डेरा जमाये बैठा था. निकलने का नाम ही नही ले रहा था और उसी
Read Moreसाथियों में वाद-विवाद चल रहा था.“आजकल बोलना, सुनना, देखना गुनाह हो गया है. न बोलो, न देखो, न सुनो.” एक
Read More“हनुमान बेटा, एक बात बताओ कि, तुम्हारी पूंछ नहीं जली आग में और पूरी लंका जल गई? इसका क्या रहस्य
Read More“न जाने कौन से पाप किए थे मैंने जो तू मेरी कोख से पैदा हुआ।” विमला अपने इकलौते बेटे को
Read Moreठहरे हुए लम्हे “रमेश की अम्मा, कल से मुझे फिर से सुबह पाँच बजे निकलना होगा परेड ग्राउंड के लिए।
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