अपनी-अपनी विवशता
अपनी-अपनी विवशता“भैया टमाटर कैसे दिए ?”“50 रुपए में एक किलो साहब जी।”“भिन्डी कैसे ?”“60 रुपए में एक किलो साहब जी।”“आप
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Read Moreगले की फाँस “ये क्या मिश्रा जी, अगले महीने सेवानिवृत्त होने के बाद आप फिर से इसी ऑफिस में संविदा
Read Moreलघुकथा घड़ियाली आँसू महेंद्र और रमेश में जमीन को लेकर वर्षों से दुश्मनी चल रही थी। एक दिन अचानक हृदयाघात
Read Moreप्रातः काल का समय,पर्वतों की ओट से सूर्य की सुनहरी आभा आसमान को सिंदूरी लाली से भर रही थी।पंछीगण चहचहाते
Read Moreकोर्ट में जज ने न्याय सुनाने से पहले कटघरे में खड़े विजय से पूछा- “मिस्टर
Read More“एक समय था, जब खत को देखकर मजमून भांप लिया जा सकता था, एक आज का जमाना है, जब मजमून
Read Moreरतनलाल कचेहरी में टाइपिस्ट हैं।किसी तरह से शादी रत्ना से किये थे कि रत्ना उसके साथ कंधा से कंधा मिलाकर
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