लघुकथा : कोई बात नहीं
भूषण खाना खाकर उठा। सोफे पर बैठकर मोजे को पहनने के लिए झड़ना लगा। सुखिया समझ गयी कि आज उसे
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Read Moreशिक्षकों की हडताल आज 21वें दिन में प्रवेश कर गई थी। मगर शासन झुकने को जरा भी तैयार नहीं था।
Read Moreशिखा ने अपने घर के पीछे की जमीन पर रंग-बिरंगे फूलों की एक छोटी-सी बगिया बना ली थी। देखभाल के
Read Moreपड़ोसी धर्म उस दिन रविवार की छुट्टी थी। संयोगवश उसी दिन शर्मा जी के बेटे रमेश की नीट की परीक्षा थी।
Read Moreलघुकथा वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर राइटर पिछले दिनों एक साहित्यिक कार्यक्रम में गया था। वहाँ कार्यक्रम के दौरान मेरे बगल में
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