लम्बी कहानी : रंगों के उस पार
आप मानें या ना मानें, काले-गोरे का विचार सबसे ज्यादा हम भारतीयों को ही परेशान करता है, खासकर जब बेटियों
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Read Moreउस भीड़ वाले माहोल मे भी किरण का जैसे दम घुटने लगा| मेजबान अंजली किरण की परेशानी को कब से
Read More“अबे फ़ुरक़ान देख आ रही है वो “- शहज़ाद ने फ़ुरक़ान को हाथ मारते हुए कहा “हाँ,भाई जान! आज बच
Read Moreगांव वाले चाचा की बेटी का निमंत्रण कार्ड जैसे ही आया मैं तो उछल पड़ी…. मन ही मन स्वप्न बूनने
Read Moreमेरी कामवाली ने आ कर बताया कि ” दीदी आपकी मंदिर वाली माता जी मर गयीं। ” परसों ही तो
Read Moreकॉलेज में प्रबंधन की पढ़ाई के दौरान सुमित और महीप में दोस्ती हुई थी। दोनों ग्रामीण पृष्ठभूमि से थे। कॉलेज
Read Moreयह शायद १९५८ की बात होगी जब हम चार दोस्त शहर के एक हाई स्कूल में पड़ते थे। हम गाँव
Read Moreसुगंधा यूँ तो एक मितभाषी व्यवहारिक महिला है आडम्बर नहीं पसंद आते आजकल अपनी पड़ोसन से बहुत परेशान जब भी
Read Moreदफ्तर से आते-आते रात के आठ बज गये थे।घर में घुसते ही प्रतिमा के बिगड़े तेवर देख श्रवण भांप गया
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