माँ दुर्गा के दोहे
दुर्गा माँ तुम आ गईं,हरने को हर पाप। संभव सब कुछ आपको,तेरा अतुलित ताप।। सद्चिंतन तजकर हुआ,मानव गरिमाहीन। दुर्गा माँ
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Read Moreआइए हम सब होली त्योहार मनाएंप्रेम प्यार से मिश्रित रंगीन होली मनाएं।बैर भाव, क्रोध, कटुता भूलकरहम सबको अपने गले लगाएं
Read Moreअभी अभी एक नेता जी का फोनअपने सबसे ईमानदार नेता के पास आया,बिना दुआ सलाम केखूब चीखने चिल्लाने और धमकाने
Read Moreसुनो, मैं हूँ एक पुल दरिया, खड्डों,नालों पर पड़ा हूँ अपना सीना तान कर खड़ा हूँ आजके इंसान की तरह तोड़ने
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