पद्य साहित्य

कविता

हिम की बूंँदें

ठंडी–ठंडी सी पुरवाई, दस्तक दे चहुंँओर। श्वेत वस्त्र धारण की धरती, हुई सुहानी भोर।। दृश्य देख धुंँधला–धुंँधला सा,खींचे लंबी श्वास।

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