मुक्तक: सुंदर सपने
क्यों लगे हो मिथ्याओं के पीछे माला जपने,जरूर देखिये सुखद भविष्य के सुंदर सपने,खुद बढ़ना है तुझे आगे साथ नहीं
Read Moreक्यों लगे हो मिथ्याओं के पीछे माला जपने,जरूर देखिये सुखद भविष्य के सुंदर सपने,खुद बढ़ना है तुझे आगे साथ नहीं
Read Moreयह ज़िन्दगी क्या हैजिसने यह राज पा लियासमझो उसने ज़िन्दगी का साथबड़े अच्छे से निभा लिया यह ज़िन्दगी एक पहेली
Read Moreबाती जलती हैलेकिन होता है नामकि दीपक जल रहा हैबढ़ती है जड़लेकिन हम कहते हैंकि पेड़ बहुत लंबा हैनींव में
Read Moreदीप से दीप जलाते चलो, जगमग उजियार सजाते चलो, अंधियारी गलियां होवे रोशन, आनंद धन छितराते चलो।। मिठाई नमकीन ढेरों
Read Moreएकल या संयुक्त पशोपेश में हूं मैं, परिवार कैसे हो? एकल की स्वच्छंदता, या संयुक्त के बंध हो? आजादी के
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