उम्र का सुरभित दीप
मैंने देखा है,उस अनाम क्षण को,जहाँ उम्र की सीमाएँमहज़ शब्द बनकर रह जाती हैं। जहाँ चालीस की देहलीज परन थमता
Read Moreमैंने देखा है,उस अनाम क्षण को,जहाँ उम्र की सीमाएँमहज़ शब्द बनकर रह जाती हैं। जहाँ चालीस की देहलीज परन थमता
Read Moreबोझिल बेरंग जिंदगी मेंएकमात्र रंग शिक्षा ही है,सरकारों का रवैया दर्शाता है किमुफ्त में दे रहे भिक्षा है,ये कैसा गुणवत्ता
Read Moreभूत की परछाइयों से कब तक यूं घबराओगे,आने वाले सवेरे को कैसे फिर अपनाओगे।छोड़ दो बीते पलों का बोझ मन
Read Moreशब्दों से सेनाएं नहीं चलतीं,शेर की खाल पहनकर भेड़िए भी गरजते हैं,मंचों से चीखना आसान है,पर सरहद की ठंड में
Read Moreसमाधान तुम खुद बन जाओ मानवता जब भटक रही हो, आगे बढ़ कर पथ दिखलाओ। कदम-कदम हैं, बिछी समस्या, समाधान
Read Moreउठी जो आंख भारत पर, उसे इतना गिरा देना।चिरागों से नहीं डरते, मशालें हम, सुना देना। सुहागिन हो गई विधवा,
Read Moreदहेज की बातें करते हो,सड़कों पर मोमबत्तियाँ जलाते हो,पर बेटी की शादी में फिर भी,बैंक बैलेंस पर निगाहें गड़ाते हो।
Read Moreअब कोई तुर्कीए पर ना करना भरोसा,मित्रता के नाम पर हथियार है परोसा।तुर्कीए में भूकंप का कहर बरसा गुरू,भारत ने
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