कुंडलिया
ममता के पांडाल में, माता जी की मूर्ति। नव दिन के नवरात में,सकल कामना पूर्ति। सकल कामना पूर्ति, करें आकर
Read Moreपीहू पीहू करे मोर, आषाढ़ सुहानी भोर। काले घन घिर आए,
Read Moreजनता को मेरा नमन, रच डाला इतिहास मोदी को चुनकर पली, हर दिल में नवआस हर दिल में नव आस,
Read Moreदान होता महादान, करो वस्तु तुम दान, धन दान, रक्त दान, दान कुछ कीजिए। दान देना नेक काम, करे कोई
Read Moreअहीर छंद “प्रदूषण” बढ़ा प्रदूषण जोर। इसका कहीं न छोर।। संकट ये अति घोर। मचा चतुर्दिक शोर।। यह दावानल आग।
Read Moreसमान सवैया / सवाई छंद / 32 मात्रिक छंद जाग उठो हे वीर जवानों, तुमने अब तक बहुत सहा है।
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