बिजलियां मचलती है
चांदनी तारों से सजी खुशनुमा सी लगती है,रात के सन्नाटे में पायलें ज़ोर से ख़नकती हैं, इंतेज़ार की तुमने तो
Read Moreचांदनी तारों से सजी खुशनुमा सी लगती है,रात के सन्नाटे में पायलें ज़ोर से ख़नकती हैं, इंतेज़ार की तुमने तो
Read Moreनज़्म-ए-वफा सुनाते-सुनाते मेरे आंसू निकल पड़े ,तोड़ा इस कदर उसने दर्द-ए विरह मे हम जल पड़े।। मोहब्बत मे पहले वफ़ा
Read Moreहंसकर उसने मारा चांटा, धत् तेरी की,पसर गया पूरा सन्नाटा, धत् तेरी की। टिकट मिला है जबसे उसको लोकसभा का,सीख
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