गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 01/07/202401/07/2024 ग़ज़ल किसी के काम जो आए उसे इंसान कहते हैपैगाम ए इश्क फैलाए उसे इंसान कहते है किसी के दुख और Read More
गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 01/07/202427/06/2024 ग़ज़ल मुझमें भी खुशबू आये।लेकर तुम जादू आये।सच के पथ पर चलना है,मैं आऊं या तू आये।ऐसे काम नहीं करने,अपमानों की Read More
गीतिका/ग़ज़ल दीपशिखा सागर 30/06/202430/06/2024 ग़ज़ल ख़्वाब के सब्ज़ बाग़ से पैदल,यानि हम हैं दिमाग़ से पैदल।आँधियों ने कहा है अब के बार,जंग होगी चराग़ से Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह 29/06/202429/06/2024 ग़ज़ल ख्याल किसी का का कभी हम भी हुआ करते थेख़ूबरू थे हम भी कभी सच ब कमाल हुआ करते थेकिसी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 29/06/202429/06/2024 ग़ज़ल सजी दिल की महफ़िलें ही, चले ही आइये हमदम।ग़ज़ल कुछ गीत हमको भी, खुल कर सुनाइये हमदम।। अदा ये रूठने Read More
गीतिका/ग़ज़ल बलविन्दर ‘बालम’ 28/06/202428/06/2024 ग़ज़ल यह जिस्म कभी बूढा ना होता।तेरा प्यार अधूरा ना होता।सूरज चांद सितारे ना होते,गगन कभी भी पूरा ना होता।कौन सुहागन Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह 28/06/202428/06/2024 ग़ज़ल लब गर ख़ामोश हैं तेरे,तो आंखों से पढ़ लेंगे।तुम्हारे होंठों पर हम अपने होंठों से लिख देंगे।न कोई गिला हमें Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह 27/06/202427/06/2024 ग़ज़ल लम्हे तो अक्सर गुजर ही जाते हैं ।सालों में तब्दील हो ही जाते हैं।माझ़ी का तसव्वुर भी अजीब है।पल में Read More
गीतिका/ग़ज़ल गौरीशंकर वैश्य विनम्र 24/06/202424/06/2024 गाँधीवाद रामनाम जपते भाईरंच न मन में सच्चाई स्वच्छता के अभियान चलेनहीं सफाई हो पाई अनगिन पेड़ कटें प्रतिदिनहुई न पौध Read More
गीतिका/ग़ज़ल गौरीशंकर वैश्य विनम्र 24/06/202424/06/2024 नदी कैसी इक्कीसवीं सदीसूख गई है प्रीति – नदी पाप-पुण्य का ज्ञान नहींभूली नेकी और बदी गठबंधन हैं टूट रहेअप्रासंगिक सप्तपदी Read More