ग़ज़ल
किसी की बात को हम-तुम कहां और कब समझते हैं, पर अपने काम की होती है तो हम सब समझते
Read Moreमापनी 2122 2122 212 हाल ए गम में दिवाना आ गया उफ़ यहाँ तो मय खजाना आ गया साफ़ कर
Read Moreजतन किए बिन, सोच रहे जन, कब आएँगे अच्छे दिन। पैराशूट पहन क्या नभ से, कूद पड़ेंगे अच्छे दिन? जब
Read Moreइज्जत की बात कर न सियासत की बात कर । महफ़ूज़ रहे मुल्क हिफ़ाजत की बात कर ।। तहजीब के
Read Moreकाश तुमसे न मैं मिला होता, दर्द दिल में न फिर पला होता। रौनकों की कमी न दुनिया में, एक
Read Moreउस ने सोचा सही आदमी की तरह भावना से भरा दिल नदी की तरह | हर समर जीतना, है नहीं
Read Moreआज मैं अपनी सफाई दे दूँ कुछ रुसवाई, कुछ जगहंसाई दे दूँ ! हरदम तु अब तन्हा क्यूं रहे, थोडी सी
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