मर्यादाएं
जब न आकांक्षाएं, हिलोरे मारेंऔर न कुछ पाना, ही हो जरूरीफिर हम क्यों, हां में हां मिलाएऐसी भला है, क्या
Read Moreजब न आकांक्षाएं, हिलोरे मारेंऔर न कुछ पाना, ही हो जरूरीफिर हम क्यों, हां में हां मिलाएऐसी भला है, क्या
Read Moreये तेरा दल ये मेरा दल हो हाथ झाड़ू या कमल जहाँ मिले मलाइयाँ वहीं को चल वही को चल।
Read Moreमैं विश्वनाथ का नंदी हूँ, दे दो मेरा अधिकार मुझे। वापी में हैं मेरे बाबा, कर दो सम्मुख-साकार मुझे।। अब
Read Moreजन्न्त का पहनावा पा कर आई फिर बसंत धरती दुल्हन भांति सजा कर आई फिर बसंत खुशबू के अलंकार
Read Moreपांच सौ वर्षों से, भी अधिक काइंतजार आखिर , खत्म हुआअयोध्या सज गयी, दुल्हन जैसीश्री राम जी का, आगमन हुआ।।
Read Moreघर-घर मंगल दीप सजे है,तोरन बंदनवार लगे है।आ गये श्री राम लला जी,प्रभु करते है सबका भला। आज उमंगित हैं
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