दोहा-मुक्तक
मुश्किल तो होती डगर, चली हुई आसान कठिन मान लेते जिसे, आलस में नादान बड़ी चूक करते सदा, अपनी मंजिल
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Read Moreनीर लिए आशा सदा,नीर लिए विश्वास ! नीर से सांसें चल रही,देवों का आभास !! अमृत जैसा है “शरद”, कहते
Read More“दोहे” गंगोत्री यमुनोत्री, बद्रीनाथ केदार चारोधाम विराजते, महिमा शिव साकार॥-1 माँ पार्वती ने दिया, अपना घर उपहार इस बैकुंठ विराजिए,
Read Moreखाली कभी न बैठिए, करते रहिए काम। लिखने-पढ़ने से सदा, होगा जग में नाम।। — खाली रहे दिमाग तो, मन
Read Moreसभी तरह की निकलती, बातों में से बात। बातें देतीं हैं बता, इंसानी औकात।। — माप नहीं सकते कभी, बातों
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