मुक्तक/दोहा

मुक्तक/दोहा

मुक्तक (सब अपनी अपनी किस्मत को ले लेकर खूब रोते हैं)

रोता नहीं है कोई भी किसी और के लिए सब अपनी अपनी किस्मत को ले लेकर खूब रोते हैं प्यार

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