दो मुक्तक
सभी आत्मीय मित्रो ,को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ … 1 -मेरा देश है प्यारा मुझको ,यह मेरी पहचान है
Read Moreजब से सत्ता में बढ़ी, शैतानों की माँग। मुर्गे पढ़ें नमाज को, गुर्गे देते बाँग।। — हुए नशे में चूर
Read Moreऐसा होना चाहिए, जल से भरा तड़ाग। जिसके सुमनों में रहे, प्यार और अनुराग।। — नहीं चाहिए चमन में, माली
Read Moreमाई माई के भाई मामा चंदा की मिताई लेके दूध भात आजा मीठी भरी रसमलाई आजा हो चंदा मामा ले
Read Moreयह कैसा दौर आया है यहाँ निर्दोष मरते हैं जहाँ देखो उधर ही रोज बम गोले बरसते हैं धरा भी
Read Moreबादल नभ में छा गये, पुरवा बहे बयार। आमों का मौसम गया, सेबों की भरमार।। — फसल धान की खेत
Read Moreईमान पर न टंगती, आज देश की नीति बे-ईमानी हो गई, हर पार्टी की नीति |1| भूल हुई है आम
Read Moreवादियों की शहनाई बनके गरजता है सावन, प्रेमियों की खुशी बनके छलकता है सावन, वर्षों से गोरी बैठी जो पीया
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