दोहे : त्यौहारों पर किसी का, खाली रहे न हाथ
श्राद्ध गये तो आ गये, माता के नवरात्र। लीला का मंचन करें, रामायण के पात्र।। — विजयादशमी साथ में, लाती
Read Moreश्राद्ध गये तो आ गये, माता के नवरात्र। लीला का मंचन करें, रामायण के पात्र।। — विजयादशमी साथ में, लाती
Read Moreनवरात्र पूजा घनाक्षरी छंद (कवित्त) महागौरी, कूष्माण्डा माँ, पूजूँ मैं धूप दीप से, ढोल नगाड़े बाजे से, घर में पधराऊँ।
Read Moreदो अक्टूबर को हुए,लिये अनोखा काम । गांधी लाल बहाद्दुर,उन दोनों के नाम ।। ===================== अठारह सौ उनहत्तर,वर्ष समझ यह खास ।
Read Moreश्रृंगार लिए कंचन सी’ काया वो,उतर आई नजारों में । करें वो बात बिन बोले,अकेले में इशारो में । बिना
Read Moreअब तो अपनी सोच को,बदलो पाकिस्तान । घर में घुसकर मारते,जब लेते हम ठान ।। निकल गया जो हाथ से,बाद
Read Moreमन के कागद पर लिखो ,प्रिय मेरी तकदीर| हृदय कलम मसि नेह की ,रँगो धवल तस्वीर|| आखर-आखर जोड़
Read Moreखयालों में न तुम आती तो मैं बद नाम क्यों होता किसी राधा के सपनों का कोई घनश्याम क्यों होता
Read Moreश्रद्धा से ही कीजिए, निज पुरुखों को याद। श्रद्धा ही तो श्राद्ध की, होती है बुनियाद।। — आदिकाल से चल
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