गाँव से शहर
छोड़कर गाँव के घर, दौड़ते थे शहर को, हरे भरे खेतों को तज, दौड़ते थे शहर को। न कहीं चौपाल
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Read Moreलिए तिरंगा आ गया ,भारत का गणतंत्र सारे मजहब एक हैं, फूंक रहा यह मंत्र ।। प्रेम भाव सबसे रखो
Read Moreदाल-भात अच्छे लगें, कंकड़ देते कष्ट।भोजन के आनन्द को, कर देते है नष्ट।।—ध्यान लगाकर बीनिये, कंकड़ और कबाड़।प्राणवायु मिल जायेगी,
Read Moreआया है उल्लास का, उत्तरायणी पर्व।झूम रहे आनन्द में, सुर-मानव-गन्धर्व।१।—जल में डुबकी लगाकर, पावन करो शरीर।नदियों में बहता यहाँ, पावन
Read Moreन बेटी ख़राब है और न बेटा ख़राब है, कुछ ख़राब है तो, नज़रिया ख़राब है। बाँटते हैं बच्चों को,
Read Moreशहीद हुए थे ज़ोरावर, फतेहसिंह ने जान गँवाई थी, धर्म नाम पर हुई शहादत, मुग़लों की अगुवाई थी। ज़िन्दा दीवारों
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