सूर्य पर हायकू
(१) तपती धरा फसल झुलसती तेज है धूप (२) सूर्य की गर्मी झुलसाती बदन सही ना जाये (३) सूर्य किरणें
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Read Moreमातृ दिवस की शुभकामनाओं के साथ माँ पर हाइकु प्रेषित कर रही हूँ – १ माँ का प्यार मन उड़ानों
Read More{१} बादल छाए हवाओं संग उड़े प्यासी धरती {२} जल जीवन पेड़ है छाव देते बद्रा बरसे {३} किसान तके
Read Moreहो गया न्याय मासूम मुजरिम खत्म अध्याय। ….गुंजन अग्रवाल
Read Moreऊँघता चाँद प्रभात की चौखट खोजता माँद। टूटती शाख सहेजे अपनों के सपने खाक। बरखा बूँद खेतो में रचे
Read Moreलाँघा समुन्द्र साझा नभ का कोना व्यग्र परिन्दे जी हाँ इक छोटी सी कोशिश फेसबुक से जुड़े परिंदों की 11
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