इस तरह हम आजमाए जा रहे हैं…
इस तरह हम आजमाए जा रहे हैं हर क़दम काँटे बिछाए जा रहे हैं क्या ग़जब है तीरगी का साथ
Read Moreइस तरह हम आजमाए जा रहे हैं हर क़दम काँटे बिछाए जा रहे हैं क्या ग़जब है तीरगी का साथ
Read Moreवो बीते पल बहुत तड़पती है, जब याद तुम्हारी आती है। मेरी आंखों में समाए दृश्य, चुपके से कुछ कह
Read Moreरक्षा बंधन का पावन पर्व आया है, बहिना की राखी का स्नेह लाया है | कच्चे धागों का अटूट बंधन
Read Moreदुनियाँ के सफ़र में है हयात मुसाफ़िर भटक रही यहां पर है किसकी खातिर एक राह है आने की जाने
Read Moreसफर कितना लम्बा है ये न कहो दोस्तों। मंजिल कितनी हसीन है ये सोचो दोस्तों। ये पथरीले रास्ते सब आसान
Read Moreकभी दश्त में हूँ, कभी राहे गुलजार में हूँ। सूखा पत्ता हूँ, इन हवाओं के ईख्त्यार में हूँ। ये न
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