बसेरा
कहीं हिन्दुओं का, कहीं बसेरा मुसलमानों का। मैं तो समझा था यारब, ये शहर है इन्सानों का। कभी चहकती थी
Read Moreजब न ढले दर्द भरी दुपहरी, तुम चले आना। जब मुस्कुराए संध्या सुंदरी, तुम चले आना। राह तकते तकते शाम
Read Moreसुनो तो कान्हा ओ मेरे कान्हा, देख तेरी दासी पुकारे , तेरा नाम ।।।। कदम्ब के नीचे ,करे तेरा इंतजार
Read Moreवो जो किनारे पर बंधी है वो नैया मैं ही तो हूँ। हुनर मेरा तैरना,नाम होता माझी का,वो मैं ही
Read Moreकुछ ऐसी शख्सियत के मालिक तुम जो सदियों में आते है। सचमुच कीचड़ में सुंदरता से भरे कमल के फूल
Read Moreमाँ की जितनी अंगुली जलती, उतनी ही ,फुलती रोटी है, सच कहता हूँ दुनियाभर मे, तभी तो माँ ,प्यारी होती
Read More(1) नहीं रहे हैं श्री अटल, जो थे सच्चे लाल पांच दशक करते रहे, सचमुच ” नील” कमाल प्रतिभा अद्भुत ले बढ़े, वे
Read Moreअटल क्यूँ मौत होती है मौत भी आज है रोई। बिलखती भारती माँ है लेखनी मौन हो सोई। बड़ा गमगीन
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