कविता

देश के गौरव अटल जी को भावभीनी श्रद्धांजलि

कुछ ऐसी शख्सियत के मालिक तुम जो सदियों में आते है।
सचमुच कीचड़ में सुंदरता से भरे कमल के फूल तुम जो सदियों में आते है।
तुम्हारी शख्सियत की चमक को विरोधियों ने भी माना था।
भारत का भविष्य तुम्ही हो,जवाहर ने भी ये पहचाना था ।

संयुक्त राष्ट्र के मंच पर हिंदी में पहला भाषण तुमने ही सुनाया था।
विदेश मंत्री के पद पर रहकर तुमने देश का मान बढ़ाया था।
सत्ता का खेल यूँही चलता रहेगा,सरकारे आएंगी और जाएंगी।
देश रहना चाहिए और देश का लोकतंत्र अमर रहे ये सबको समझाया था।

पूरे विश्व ने भी भारत की ताकत को पहचाना था।
पोखरन में मारी थी जो दहाड़ उसे विश्व ने माना था।
कारगिल में जब भारत को पाकिस्तान ने ललकारा था।
अटल के देख इरादों को,जवानों ने दुश्मनों को वहीं दफनाया था।

अंत समय भी मौत से लड़ने के अटल तुम्हारे इरादे रहे।
15 अगस्त पर झंडा ना झुके इसलिए तुम मौत से लड़ते रहे।
नतमस्तक है आज हर भारतवाशी ऐसे भारत के बेटे पर।
हर वक्त जिसने शिखाया,परेशानियों से हार ना मानने की आदत को।

नीरज त्यागी

नीरज त्यागी

पिता का नाम - श्री आनंद कुमार त्यागी माता का नाम - स्व.श्रीमती राज बाला त्यागी ई मेल आईडी- neerajtya@yahoo.in एवं neerajtyagi262@gmail.com ग़ाज़ियाबाद (उ. प्र)