विनम्र श्रद्धांजलि
लड़ता रहा मौत से प्रतिपल, किंचित ना भयभीत हुआ। सत्ता और विपक्ष भी जिसका, निष्ठा से मनमीत हुआ। देह त्याग
Read Moreलड़ता रहा मौत से प्रतिपल, किंचित ना भयभीत हुआ। सत्ता और विपक्ष भी जिसका, निष्ठा से मनमीत हुआ। देह त्याग
Read Moreसमय का पहिया चलेगा जब तक, अटल अटल था अटल रहेगा। छोड़ दिया देह मगर अब, जीवन दर्शन अटल रहेगा।
Read Moreतुम चाहते हो कि हरेक आंगन तक गुनगुनी धूप पहुंचे ताकि कोई ठिठुरती सर्दी में न कंपकंपाये तुम चाहते हो
Read Moreसाँसो का बंधन तोड़ , यादों की गठरी छोड़ , राष्ट्रपंथ के पथिक ,तू भला किधर गया ? एक युग
Read Moreकवियों के साथी सच्चे, आज अटल जी नहीं रहे। सादे जीवन उच्च विचार के, थे योद्धा अब नहीं रहे।। सावन
Read Moreअटलबिहारी दिव्य थे, सचमुच ही थे ख़ास ! अद्भुत थे,दैदीप्य थे, ऊंचे ज्यों आकाश !! कर्मवीर,सचमुच अटल, था चोखा अंदाज़ ! हर दिल,हर
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