हाँ मैं परी हूँ
ढूंढ़ते रहते हो दर-ब-दर जिसको तुमरुख़ से ओझल वो तुम्हारी हँसी हूँहाँ मैं परी हूँ ख्वाबों खयालों उजालों की चाहत,लबों
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Read Moreसंगत की रंगत का बाजे चहुं दिस डंका,कहीं बने अंधे की लाठी, कहीं डुबोएं लंका,कुसंगति राजा को पल में बना
Read Moreजनाब कितने आये और कितने गये,पर हम आज भी वहीं हैं जहां थेभले ही न बन पाये आपके जैसे नये,बुरी
Read Moreनज़रों से दूर करने वाले,पूरी उम्र याद रहते हैं।शराफ़त है कि,मन में बसे रहते हैं। यह जरूरी नहीं है कि,मन
Read Moreकुछ अपने में डूबोकुछ दुनिया मेंउचटे हुए खोए-खोए मत रहोनहीं तो खो जाओगे एक रोज़और खो दोगे वे अमूल्य गुहरजो
Read Moreबेबसी है,लाचारी है,और दहशत का आलम हैयहाँ हर कोई खौफजदा है,पल–पल मातम हैइंसानों की खाल में यहाँ भेड़ियों का आतंक
Read Moreहिंदी है जन -जन की भाषाहिंदी है सरल और मधुर भीफिर हिंदी की उपेक्षा क्यों?हिंदी साहित्य समृद्ध पुरातनज्ञान विज्ञान और
Read Moreसंस्कार,सदाचार विचार,आचारतू ही मेरा श्रृंगार। अलंकार,उपहारआकार निराकार. सब तेरे ही है प्रकारनदी,पोखर ताल तलैया तू ही सबकी खेवईयाशाखा, वल्लरी, द्रुम,
Read Moreस्वेद परिश्रमी का गौरव गान, अन्नदाता किसान का सम्मान, हीरे जवाहरात बेशकीमती, बूंद बूंद झरते अनमोल मोती।। माटी में पसीने
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