कविता
भावों को आकार देती कविता सच सामने लाती ,मन के भावों को लेखनी से लिखती,अलंकार की शोभा बढ़ाती नए आयाम
Read Moreऔर अविचल स्थिर ,एक टक में मूरत,पत्थर की तरह ,अविचल स्थिर ,एक टक निहारता ,तुम को तुम आती ,हवा की
Read Moreउपालंभ आलोचना, मत करिए सरकार।कविता पढ़कर आप सब, देते रहिए प्यार।। मेरे शब्दों की छाँव तलेकभी बैठ जरा क्षण दो
Read Moreछूट गया किनारा,फिर भी तलाश जारी हैवह फिर मिले या ना मिले,हम तो ढूंढते रहेंगे उसकोक्योंकि तलाश जारी है…। बहुत
Read Moreजोगीरा सा रा रा रा.. बड़े बड़े कर वादे हमने, पायी यह सौगात। कभी नमन, वंदन, जोडे कर, भुला चले
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