विद्यालय स्मृति चिन्ह
दहलीज लांघी जब विद्यालय कीतो याद आयाजा चुके वक्त मेंबच्चों का हंसना-मुस्कुराना,एक दूसरे से लड़नाऔर फिर गले से लग जाना।अध्यापक
Read Moreदहलीज लांघी जब विद्यालय कीतो याद आयाजा चुके वक्त मेंबच्चों का हंसना-मुस्कुराना,एक दूसरे से लड़नाऔर फिर गले से लग जाना।अध्यापक
Read Moreकल मेरे मित्र यमराज ने अजूबा काम किया मोदी जी को एक पत्र भेज दियापत्र की प्रतिलिपि मुझे भी उपलब्ध करा
Read Moreकार्तिक मास की पूर्णिमा कोदेव दीपावली मनाया जाता है,इसके पीछे त्रिपुरासुर राक्षस के अत्याचारों सेदेवताओं को मुक्त कराने के उद्देश्य
Read Moreलौटा दो मुझे मेरे बचपन के वह दिन,बिन चिंता के ही कट जाते सारे दिन।घर में होते थे दादा-दादी, नाना-नानी,गोद
Read Moreउनके पैदा होते ही खुश हुए लोग सारे,अब उनके लिए भी गर्वित पल आयाजो थे पुत्र के मामले में बेचारे,बूढ़े
Read Moreगीत मेरे क्यों,बेसुरे से हो गए हैं,साज वही, संगीत वही,सुर भी वही हैं! बोल मेरे क्यों,अटपटे से हो गए हैं,ताल
Read Moreजीवन में उतावलापन ठीक नहीं होताअरे भई थोड़ा सा तो धैर्य रखिये,जिसका फल बहुत मीठा होता हैइत्मीनान से चखिये,सरकार कोई
Read Moreराजनीति ही हैहम नेताओं के उत्थान का तोड़,इसीलिए हम लगा रहे हैंनैतिक मूल्यों से गिरने की होड़,ऐसा कौन राजनीतिज्ञ हैजिसने
Read Moreजीवन अपना दांव लगाकर,जग को शिक्षा क्या दे पाए तुम,दुर्योधन का साथ निभाकर,कहो राधेय ! खुश रह पाए तुम? कुंती
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