विचारों की दुनिया में
आज का यथार्थ कल के लिए कल्पना है कल की कल्पना यथार्थ का रूप हो सकता है जो आंखों के
Read Moreआज का यथार्थ कल के लिए कल्पना है कल की कल्पना यथार्थ का रूप हो सकता है जो आंखों के
Read Moreजिस तरह पिछले सौ सालों से लेकरतीन हजार सालों तक जिंदा थे,वैसे ही हम आज भी जिंदा हैं,और अपनी स्थिति
Read Moreयह हमें ज़िन्दगी की,तमाम उम्र अंधेरों को चीड़ कर आगे बढ़ने की,शक्ति देता है।नवीन जोश और उत्साह से,भरपूर मदद करता
Read Moreतन की मैल गंगा में धो आयामन की मैल कब धोने जायेगाअन्तरात्मा जब तेरा है रे पापीतन धोने से कुछ
Read Moreतीन सौ यूनिट बिजली फ्रीदेने का जो किया था वायदासत्ता जब मिल गई झूठ सेतब एक सौ पच्चीस भी लग
Read Moreवैसे तो ये कोई नई बात नहीं हैहम सबको बहुत सारी शिकायतें हैंअपने आप से, परिवार से, समाज सेशासन, प्रशासन,
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