सावन का आठवाँ दिन था। सुबह की स्वर्णिम धूप बड़ी रमणीय थी। दोपहर होते तक वातावरण उमस हो गया। शाम तक नीलगगन में बदली छा गयी। अंधेरी रात और अधिक घनी होने लग गयी। मध्य रात को तेज हवा चलने लगी। आकाश में छाए बादलों के टुकड़े हिलने-डुलने लगे। न चाहते हुए भी उन्हें इधर-उधर […]
बाल कहानी
प्रतिभा
मुकेश को “वीडियो गेम सृजन प्रतियोगिता” में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ था. उसके गेम को यू.ट्यूब ने खरीद लिया था, उसे 20 लाख रुपए का चेक मिला था. मुकेश तो बहुत खुश था ही, मुकेश के माता-पिता भी बहुत खुश थे. बधाई देने के लिए दोस्तों और नाते-रिश्तेदारों के फोन भी बराबर आ रहे थे. […]
बालकहानी : गणित की क्लास
शाॅर्ट रिसेस के बाद क्लास में बैठने की घंटी लगी। बच्चे अपनी-अपनी क्लास में बैठने लगे। कक्षा पाँचवी के छात्र त्रयम्बक ने गौरव के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा- “चल भाई जल्दी। नायक सरजी का गणित का पीरियड है। वे क्लास में जल्दी आ जाते हैं। चल दौड़ते हैं।” […]
बाल कहानी – चिड़िया
एक दरिया के किनारे, वृक्ष पर एक चिड़िया बैठी रो रही थी, अचानक ही ऊपर से उड़ता हुआ एक तोता आकर उसके पास बैठ गया। तोते ने बड़ी निम्रता से चिड़िया से रोने का कारण पूछा। तो चिड़िया ने रूआंसी आवाज़ में कहा, ‘‘कि इस दरिया में मेरी एक कीमती बाल (गेंद) गिर गई है। […]
बालकहानी – खुशखबरी
जंगल में गरमी बढ़ जाने के कारण सारे पशु-पक्षी बहुत परेशान हो रहे थे। दूर-दूर तक पानी का कोई साधन नहीं था। धरती सूखी पड़ने लगी थी। यदि वे जंगल से बाहर जाते तो शिकारी उनका शिकार कर लेते; इसका हमेशा भय रहता था। इस वजह से सभी बहुत […]
बालकहानी : प्रिया की नई सहेलियाँ
गर्मी का मौसम था। स्कूलों की छुट्टियाँ हो चुकी थी। प्रिया का भी स्कूल जाना बंद हो गया था। कक्षा तीसरी की प्रिया बहुत सुंदर थी। गोरा रंग। गोल-मटोल चेहरा। फुंडा-फुंडा गाल। सुंदर नुकीली सुआनाक। लम्बे-घने बाल। यानी दिखने में खूबसूरत तो थी ही; पढ़ाई-लिखाई में भी नंबर वन। पर अपने मम्मी-पापा की अकेली संतान […]
बाल कहानी – जैसे को तैसा
रानी कोयल और मनु बंदर की कलाकारी से सिंघोला बाग ही नहीं; वरन् आसपास की सारी बगिया वाकिफ थी। रानी कोयल गायन में माहिर थी; तो मनु बंदर था एक नंबर का नर्तक। दोनों को गायन व नर्तन के नियमों की बहुत अच्छी जानकारी थी। उनकी कलाकारी की अंचल में तूती बोलती थी। वे दोनों […]
मास्टर जी का सबक
आज मास्टर जी कक्ष् मे हाजरी ले रहे थे,तभी भोलू का नाम देखकर ठिठक गए। चुप्पी साधते हुए- भोलू! नाम पुकारते हैं।कोई हाजरी के लिए खड़ा नही होता। पुनःभोलू का नाम जोर से लेते हैं। पर कक्षा में सन्नाटा। तभी पीछे से एक लड़का कहता है- “मास्टर जी! उसकी तबियत खराब थी,कुछ दिन शाला आया, […]
रानी परी
आज बिरजू बहुत निराश मन लेकर बाजार से लौटा।जितनी मूर्तियाँ वह बेचने के लिए साथ ले गया था,वैसा का वैसा वापस ले आया।उसकी एक भी मूर्ति नही बिकी।इस कारण वह बहुत दुखी है। उसके बूढ़े पिता जी बिरजू को देखकर दबी जुबान में खाँसते हुए कहता है- “क्या हुआ बिरजू?” “आज तू इतना उदास क्यों […]
बाल कहानी – चिड़िया
एक दरिया के किनारे, वृक्ष पर एक चिड़िया बैठी रो रही थी, अचानक ही ऊपर से उड़ता हुआ एक तोता आकर उसके पास बैठ गया। तोते ने बड़ी निम्रता से चिड़िया को रोने का कारण पूछा। तो चिड़िया ने रूआंसी आवाज़ में कहा, ‘‘कि इस दरिया में मेरी एक कीमती बाल (गेंद) गिर गई है। […]