बालकहानी – इस बार की दीवाली
नरेश कक्षा आठवीं का छात्र था। उसकी दो बहनें थीं- जयंती और नंदनी। वह सबसे छोटा था। माँ-बाप खेती-किसानी करते
Read Moreनरेश कक्षा आठवीं का छात्र था। उसकी दो बहनें थीं- जयंती और नंदनी। वह सबसे छोटा था। माँ-बाप खेती-किसानी करते
Read Moreसाक्षर अक्षर लिख सकता है, हिसाब-किताब भी रख सकता है, वह खुद आगे बढ़कर सारे, जग को शिक्षित कर सकता
Read Moreरामू केशव और सुनीता। प्रेम राज जगमोहन गीता।। रामवीर आलोक सुनैना। श्याम मुरारी राजन रैना।। कक्षा से सब
Read Moreहर साल की तरह इस साल भी दशहरा के अवसर पर श्रीरामलीला का मंचन होना था। आसपास के क्षेत्र में
Read Moreरुनक-झुनक नाचें गणपति लाला गौरां मैय्या खुश पिता शिव हैं निहाला 1.गणपति के सिर मुकुट सुहाना जो देखे हो जाए
Read Moreअभिनंदन हे गणपति देवा, मन-आसन तैयार, आके विराजो हे विघ्नविनाशक, प्राणों के आधार. प्रथमै पूजन होता तेरा, तीन लोक के
Read Moreमुझको तोता कह सकते हो, संग मेरे बतिया सकते हो, अपनी प्रशंसा जो खुद करता, मिट्ठू मियां उसे क्यों कहते
Read Moreहम सुमनों की अजब कहानी, क्षणभंगुर है अपनी जवानी। भंवरे खुशबू ले जाते हैं, पत्ते झड़ें जब गिरता पानी॥ कांटों
Read Moreखुशियों का मौसम मतवाला ,इससे खोलो दुख का ताला। जब छिटके चांदनी सुहानी ,नौकायन कर झील में लाला। शिमला और
Read More