बाल कविताशिशुगीत

गणपति बप्पा मोरया

अभिनंदन हे गणपति देवा,
मन-आसन तैयार,
आके विराजो हे विघ्नविनाशक,
प्राणों के आधार.
प्रथमै पूजन होता तेरा,
तीन लोक के स्वामी,
लड्डुअन भोग लगाओ आकर,
घट-घट अंतर्यामी.
हमने तुझ पर तन-मन वारा,
प्राण भी तुझ पर घोरया,
जल्दी आओ सिद्धिविनायक,
गणपति बप्पा मोरया

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244