रोज सवेरे
रोज सवेरे पवन सुहानी, गाती प्रभाती जगाती है. रोज सवेरे सूरज की किरणें, आकर मुझे उठाती हैं. रोज सवेरे मेरी
Read Moreआओ चुन्नू-मुन्नू-गुल्लू, मिल-जुलकर हम वृक्ष लगाएं, वृक्ष हमारे जीवनदाता, इनसे हम निज नेह लगाएं. ऑक्सीजन इनसे है मिलती, सब्जी-फूल-फल-औषधि देते,
Read Moreगर्मी की छुट्टी है आई, नानी मां की याद सताई। घूमे-फिरे, मौज मनाई, जलेबी, लड्डू,बर्फी खाई।। गर्मी की छुट्टी ……
Read More