बाल कहानी : सच्ची मित्रता
बांधा तालाब के किनारे एक बहुत बड़ा बरगद का पेड़ था। मोटे व गठीले तने पर मोटी-मोटी शाखाएँ निकली हुई
Read Moreबांधा तालाब के किनारे एक बहुत बड़ा बरगद का पेड़ था। मोटे व गठीले तने पर मोटी-मोटी शाखाएँ निकली हुई
Read Moreअपने गांव में आते झूले।सबके मन को भाते झूले। भिन्न-भिन्न जातों-पातों में।प्रभातों एंव रातों में।लौकिक नगमे गाते झूले।अपने गांव में
Read Moreउमड़ -घुमड़ कर बादल आयेपानी की रिमझिम बौछारें लाये बिजली चमकी, बिजली गरजीकब तक बरसेगा, बादल की मर्जी भीग गये
Read Moreखुब हुआ अब घूमना फिरनाचलो स्कूल की तैयारी करलोकॉपी पुस्तक कलम समेट करबैग-यूनिफार्म की खोज करलो। सैर-सपाटा और धमा-चौकड़ीनानी घर
Read Moreआओ प्यारे बच्चो आओ,सब मिलकर ज्ञान का दीप जलाएं।धरा से तम सारा मिटाएं ।। आओ प्यारे बच्चो आओ,प्यार का फूल
Read Moreछिपकलियों में छिड़ी लड़ाई।मोटी – मोटी लड़ने धाई।। सभी कह रहीं छत है मेरी।बतला तू कैसे छत तेरी।।सबने अपनी युक्ति
Read Moreनन्हीं चिड़िया, चुग लो दाना, दानों से भरा है दोना।। मटके में जल है, मीठा, शीतल, आओ, अपनी प्यास बुझाना।। चिंव-चिंव,
Read Moreरंगों की रानी कहलाए।सुरभि के संग उड़ती जाए।सब बच्चों के मन को भाए।देखो तितली उड़ती जाए। प्यार करे सत्कार सीखावे।न
Read Moreगरमी का मौसम था दूर जंगल से एक चिड़ा और एक चिरैया उड़ते-उड़ते शहर में आ गए ।शहर आग की
Read Moreघड़ा बना हूँ मैं मिट्टी का, आता सबके काम। जैसे गर्मी बढ़ती जाती, सभी
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