लघुकथा – भविष्य
जाने माने भविष्य वक्ता के घर पर अपना भविष्य जानने के लिए युवाओं की लाइन लगी थी।उसी लाइन में पैंसठ
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Read Moreतुम मुझे कलम कहते हो तो कहो, मुझे तो खुद को कलम कहलाने में बेहद हिचक हो रही है. असल
Read Moreआज नीरज का वेतन दस लाख रुपये सालाना है, पर वह अपनी पहली कमाई की याद कभी नहीं भुला पाता.
Read Moreबात बहुत साधारण-सी है. डेढ़ साल की एक बच्ची का मुंडन-संस्कार हुआ. उसे अपने बालों से बहुत प्यार था. मुंडन-संस्कार
Read More“एक भिखारी ने रेल के सफ़र में एक सूट बूट पहने सेठ जी से भीख मांगी. सेठ ने कहा, “तुम
Read Moreलघुकथामेरा भारत महान स्कूल से आते ही मैंने कहा- ‘‘गोलू बेटे ! परसों दिवाली है। दिवाली पर तुम्हें कौन-कौन से
Read Moreस्ट्रीट फूड पूरे टेस्ट रिपोर्ट देखने के बाद डॉक्टर ने कहा, “जैसा कि मैंने पहले ही आशंका जताई थी कि
Read Moreअपनी-अपनी दिवाली धनतेरस का दिन था। सब ओर खुशी का माहौल था। बच्चों ने पटाखे चलाने शुरु कर दिए थे।
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