लघुकथा

खूबसूरती

याद 18 साल पहले की, जो आज भी खूबसूरत यादों में से एक है. ऑस्ट्रेलिया में हमारे बड़े पोते का जन्म होने वाला था. ठीक उसी समय अचानक पतिदेव की ओपन हॉर्ट सर्जरी की नौबत आ गई. बेटे को तुरंत भारत आना पड़ गया. प्रभु-कृपा से 9 दिन में पतिदेव को अस्पताल से छुट्टी मिल गई. बेटा पापा को घर छोड़कर तुरंत ऑस्ट्रेलिया पहुंचा और ऐन डिलीवरी के समय पहुंच गया. पहले बच्चे के समय हम बहू के पास नहीं पहुंच पाए. उधर बहू को लग रहा था कि, मम्मी-पापा पोते को देखने को तड़प रहे होंगे. ठीक छः महीने बाद बेटा-बहू उसे लेकर दिल्ली आए, हमने उसे देखा, खुशी मनाई, नए घर का मुहूर्त भी किया और उसका विशेष मुंडन-संस्कार भी. कितना खूबसूरत समां था! साथ ही बेटे-बहू की हिम्मत और स्वभाव की खूबसूरती भी दाद देने लायक है. 

— लीला तिवानी

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244