रोला छंद रचनाएँ
1) कृपा मिले प्रभु नाम, नहीं होगा कुछ बांका। स्वयं प्रकट प्रभु आप, प्रेम से बांधे टांका।। दर्शन की हिय
Read More1) कृपा मिले प्रभु नाम, नहीं होगा कुछ बांका। स्वयं प्रकट प्रभु आप, प्रेम से बांधे टांका।। दर्शन की हिय
Read Moreभारत माता वीर ने, रचा स्वर्ण इतिहास। राणा महा प्रताप वे, भारत भाल प्रभास।। भारत भाल प्रभास, दिवाकर थे तेजस्वी।
Read More1) ले धागे को साथ में, ऊँची उडे पतंग। छूना है आकाश को, मन में आस उमंग।। 2) हिंदी से
Read Moreसूरज किरणें सुनहरी, चेतन दिव्य प्रकाश। खिले पुष्प सुरभित धरा, हर्षित हैं आकाश।। हर्षित है आकाश, प्रेम रस मधुमय धारा।
Read Moreरटती गिरिधर नाम की, माला सुधबुध भूल। गाथा निर्मल प्रेम की, भक्ति भाव के फूल। भक्ति भाव के फूल, थाट
Read Moreरोके हम आवेग को, कसना विनय लगाम। मर्यादा बंधन भला, लगती प्रकृति ललाम।। लगती प्रकृति ललाम, सादगी हर दिल जीते।
Read Moreएक नई शुरुआत, करे प्रेम बरसात, सुरभित पुष्प बन, जग महकाइए।। सब मिल हो पहल, सहेजे वन जंगल, पेड़ लगा
Read Moreअबला न इसे मान, मात ममता फुलवारी। शक्ति, भक्ति प्रतिरूप, जन्म दात्री हैं नारी।। सेवा, संयम मूर्ति, स्नेह से भर
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