ज्ञान खजाना
पुस्तक से हो मैत्री, हैं वह ज्ञान खजाना। साहित्यिक कृतियों का, अनुपम काव्य तराना। कला कुशलता पाएं, ज्ञानी शिल्प रचाएं।
Read Moreपुस्तक से हो मैत्री, हैं वह ज्ञान खजाना। साहित्यिक कृतियों का, अनुपम काव्य तराना। कला कुशलता पाएं, ज्ञानी शिल्प रचाएं।
Read Moreझूले ऊँचा-नीचा, कर्मों का ये खेला। हिय हो शुभ भावों का, निर्मल मंगल मेला।। जीवन पावन धारा, धर्म-कर्म भंडारा। मानवता
Read Moreहिन्दी प्रियतम भाषा, बोले भारत वासी। वाणी मीठी जानो, निज अभिमान सुहासी। जैसे देशी घी की, खुशबू मन को भाये।
Read More(मन हरण घनाक्षरी छंद)चैत्र नवरात्रे आए, “आनंद” उमंग छाए,दिन अति विशेष है, मैया को मनाइए ।पावन उत्सव आया, खुशियों का
Read Moreनन्हा सा बालक जब रोता, आंचल में छुप चुप होता। ममता की छाया में सोता, भरता सुख सागर गोता।। गोदी
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