रोला छंद
कैसे हो विश्वास, समय अब बदल गया है ।लगता जैसे आज, यहाँ कुछ लुप्त हुआ है।। उनका मेरे शीश पर,
Read Moreकल्याणी मन भावना, आस्था से कर भक्ति। ईश्वर प्रेम प्रभाव में, भव तारण की शक्ति।। भव तारण की शक्ति, पाप
Read Moreयाचक बनना मत कभी, मंदिर प्रभुजी धाम। परमात्मा ईश्वर लिखे, भाग्य उचित अभिराम।। भाग्य उचित अभिराम, सत्य, संयम की धारा।
Read Moreखुशियां जीवन में खिली, सुरभित था आनंद। चाहा वो पाया सदा, मिला हर्ष मकरंद।। मिला हर्ष मकरंद, भ्रमर थे गुनगुन
Read More1) कृपा मिले प्रभु नाम, नहीं होगा कुछ बांका। स्वयं प्रकट प्रभु आप, प्रेम से बांधे टांका।। दर्शन की हिय
Read Moreभारत माता वीर ने, रचा स्वर्ण इतिहास। राणा महा प्रताप वे, भारत भाल प्रभास।। भारत भाल प्रभास, दिवाकर थे तेजस्वी।
Read Moreसूरज किरणें सुनहरी, चेतन दिव्य प्रकाश। खिले पुष्प सुरभित धरा, हर्षित हैं आकाश।। हर्षित है आकाश, प्रेम रस मधुमय धारा।
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